संख्या पद्धति क्या है ? What is Number System?

संख्या पद्धति क्या है? What is Number System?

सख्या पद्धति किसे कहते हैं ? What is Number System?

आज के इस ब्लॉग में हम बहुत ही आसान शब्दों में समझने वाले है की "संख्या पद्धति क्या होती है" (What is Number System? ) लेकिन संख्या पद्धति को समझने से पहले हम "डाटा क्या होता है?" इसको समझना जरुरी होता है जिसमे संख्या पद्धति और अच्छा से समझ में आयेगा  तो चलिए सबसे पहले समझते हैं की डाटा क्या होता है ?

 डाटा क्या होता है? What is Number System? 

 जब हम अपने आसपास के वातावरण से जो जानकारी संग्रहित करते हैं, वह अपने प्रारंभिक रूप में डाटा कहलाती है| डाटा  किसी भी तथ्य के बारे में हो सकता है| जैसे:- नाम, विचार, स्थान, गुण, आदि|  उदाहरण के लिए व्यक्तियों के नाम, व्यक्ति का वेतन, विद्यार्थी का नाम, विषयों के नाम, प्राप्तांक आदि| ये सभी एक डाटा के रूप में जाना जाता है |

 किसी सूचना को प्राप्त करने के लिए हम डाटा (Data) यानी आंकड़े का इकट्ठा करते हैं| डाटा सूचनाओं, तथ्य तथा आकणों का संग्रह होता है जो व्यवस्थित(Structure) और अव्यवस्थित(Unstructure) दोनों तरीकों से इकट्ठा किया जाता है| डाटा को कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस करके  जरूरी जानकारी प्राप्त की जाती है|

उदाहरण  (Example) :- एक जगह बहुत सारा सामान रखा हुआ होता है लेकिन उसमे से हमें उस सामान को लेना होता है जो हमारे काम लायक होता है, ठीक कंप्यूटर भी उसी प्रकार से काम लायक डाटा को अलग करने का कार्य करता है|

 तथ्यों और सूचनाओं का व्यवस्थित संकलन (Raw facts) डाटा  कहलाता है| डाटा वह तथ्य है  जिसका स्वंय कोई विशेष अर्थ नहीं होता, परन्तु एक वैल्यू(Value) होती है जैसे:- नंबर(Numbers) टेक्स्ट(Text) ऑडियो(Audio) वीडियो(Video) इनमें से कुछ भी Data हो सकता है|

चलिए अब समझते हैं की संख्या पद्धति क्या होती है ?

संख्या पद्धति किसे कहते है? (What is Number System?)

 संख्याओं को लिखने एवं उनके नामकरण के सुव्यवस्थित नियमों को संख्या पद्धति(Number System) कहते हैं| इसके लिए निर्धारित प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है जिनकी संख्या निश्चित एवं सीमित होती है|
 संख्या पद्धति(Number System) का प्रयोग सूचना को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है, जब भी कोई कैरेक्टर(Character) या वर्ड(Word), कंप्यूटर में लिखते हैं तो वह उसे नंबर में बदल देता है क्योंकि कंप्यूटर केवल नम्बर्स(Numbers) यानि Binary Language(बाइनरी लैंग्वेज) को ही समझता है| डिजिटल, कंप्यूटर सभी प्रकार के  डाटा तथा  सूचना, बाइनरी संख्या में प्रदर्शित करता है| जैसे:- ऑडियो(Audio), वीडियो(Video), ग्राफ़िक्स(Graphics) तथा संख्या(Number) आदि सभी को बाइनरी नंबर में बदल देता है|
उदहारण :- जब हम कोई विडियो, ऑडियो, या फोटो अपने मोबाइल या कंप्यूटर में रखते तो वह सभी एक बाइनरी नंबर में बदल (Convert)  जाता है लेकिन हमें पता नहीं चलता है| 

नंबर सिस्टम के प्रकार (Types of Number System)

  1. बाइनरी नंबर सिस्टम (Binary Number System)  
  2. ऑक्टल नंबर सिस्टम (Octal Number System)
  3. डेसीमल नंबर सिस्टम (Decimal Number System)
  4. हेक्साडेसीमल नंबर सिस्टम (Hexadecimal Number System)

  1. बाइनरी नंबर सिस्टम(Binary Number System):

 कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन  है जो विद्युत धारा पर कार्य करता है| यह केवल दो परिस्थितियों को जान सकता है|
पहला,स्थिति में  जब सर्किट(Circuit) में धारा प्रवाहित हो रही है अर्थात सर्किट(Circuit) का स्विच ऑन(On) है तो इस संकेत को  1’ कहा जाता है|
 दूसरी स्थिति में सर्किट में धारा प्रवाहित नहीं हो रही है अर्थात स्विच ऑफ(Off) है तो इसे संकेत को  ‘0’ कहा जाता है| इसमें हम कह सकते हैं, कि कंप्यूटर, बाइनरी नम्बर सिस्टम में सभी संख्याएं को दो अंक 0 तथा 1 का प्रयोग करके लिखता है| इसी कारण कंप्यूटर को डेटा निर्देश देने से पहले उसे 0 या 1 (Off या On) में बदलना पड़ता है|

जैसे की  निचे दिए गए  चित्र के माध्यम से समझ सकते है :-



डिजिटल कंप्यूटर अपना सारा डाटा बाइनरी में ही प्रदर्शित करता  हैं| बाइनरी सिस्टम में केवल दो नम्बर 0 तथा 1 प्रयोग किए जाते हैं, इसलिए इसका आधार(Base or Radix) ‘2’ है, क्योंकि इसमें केवल दो Digits होती है| बाइनरी नंबर सिस्टम में अंको को बाइनरी डिजिट  या बिट कहते है|
किसी बाइनरी नंबर का मान दायीं(Right) से बायीं(Left) और उसके स्थानीय मान(Positional Value) के आधार पर निकाला जाता है|

बाइनरी परिकलन (Binary Calculation)

  • बाइनरी जोड़ (Binary Addition)

बाइनरी जोड़ भी दशमलव जोड़ की तरह होता है, परन्तु इसमे केवल दो अंको 0 तथ 1 का उपयोग होता है| इसमे दायें वाले कालम से जोड़ना आरम्भ करते हैं |

बाइनरी नंबर्स को जोड़ने के चार नियम है, जो निम्नलिखित है-

  1.      1+1= 0 (हासिल 1 को दूसरे कॉलम में जोड़ते है | अतः 1+1=10 )
  2.      1+0= 1 
  3.      0+1=  1 
  4.      0+0=  0 

 उदाहरण(Example):     10102 + 01112

                                       

अतः (1010)2 + (0111)2 = (10001)2

बाइनरी घटाव (Binary Subtraction)

यह भी केवल दो अंक 0 तथा 1 का घटाव है | सबसे दांयें वाले कालम घटाना आरम्भ करते हैं|

बाइनरी नंबर्स को घटाने के चार नियम है, जो निम्नलिखित है-

  1.     0 - 0 = 0
  2.     1 - 1 = 0
  3.     1 - 0 = 1
  4.     0 - 1 = 1(निकटम बायीं तरफ से उधार या हासिल लेते है)   


उदाहरण(Example):   (11010)2 - (01001)2

                                 
अतः (11010)2 - (01001)2 = (10011)2


बाइनरी गुणा (Binary Multiplication)

बाइनरी गुणा सामान्य दशमलव गुणा की ही तरह किया जाता है| बाइनरी अंक को डेसीमल में बदल कर इसका गुणनफल निकालते है और फिर उसे बाइनरी में बदला  जाता है या बाइनरी अंको का ही गुणनफल निकाला जाता है|

इसकी दो विधियाँ हैं :-

उदाहरण (Example)     (1101)2 * (1100)2
   
      पहला विधि                                                                         


दूसरा विधि                                                        









बाइनरी भाग  ( Binary Division)


  • 3. ऑक्टल नंबर सिस्टम (Octal Number System):

ऑक्टल  नंबर सिस्टम  में केवल 8 अंक 0 से 7 तक प्रयोग होते हैं, इसलिए इसका आधार(Base) 8  होता है| ये 8 अंक निम्नानुसार हैं (0,1,2,3,4,5,6,7) यह ठीक तिन बाइनरी अंकों को लेता है| यह एक अष्टाधारी अंकों का प्रतिनिधित्व करता है| द्विआधारीसंख्या प्रणाली की तरह, यह भी स्थितीय प्रणाली है और दो भागों यानि पूर्णांक और आंशिक भाग मूलांक बिंदु के द्वारा अलग होता है|


  • 4. हेक्साडेसीमल नंबर सिस्टम रूपांतरण (Hexadecimal Number System):                              हेक्साडेसीमल नंबर सिस्टम में 10 अंक तथा 6 Letters प्रयोग होते हैं, जो निम्नानुसार हैं (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, A, B, C, D, E, F) हेक्साडेसीमल नंबर सिस्टम में 10 को A के द्वारा,11 को B के द्वारा, तथा 12 को C के द्वारा 13 को D द्वारा 14 को E के द्वारा 15 को F के द्वारा 16, Alphanumeric वैल्यू होती है इसलिए इसका बेस 16 होता है | 

             



संख्या पद्धतियों का आपस में परिवर्तन

संख्या पद्धतियों का आपस में परिवर्तन निम्न प्रकार है :-
 

      बाइनरी नंबर रूपांतरण (Binary Number Conversion)

  • 1.    बाइनरी नंबर सिस्टम का एक निश्चित कोड ( Decimal दशमलव )में रूपांतरण


इस टॉपिक से आप समझने वाले हैं की किस प्रकार से बाइनरी को डेसीमल में बदला जाता है इसको जानना बहित जरूरी है क्योंकि इसी के वजह से आप समझ पाएंगे की बाइनरी नंबर को डेसीमल में कैसे बदला जाता है तो चलिए डिटेल में समझते है:-
यदि एक निश्चित कोड में, “0 के लिए प्रतीक “+”है और “1” के लिए प्रतीक “#” है| इसमे कोई संख्या प्रतीक से “1” से अधिक नहीं हो सकती है तथा जब भी वह एक स्थान को बाई ओर शिफ्ट किया जाता है तो संख्या “1” के लिए प्रतिक का मूल्य हर बार दोगुना हो जाता है
बाइनरी संख्या का दशमलव मान प्राप्त करने के लिए , हम इम्लिखित नियम का उपयोग करते है –
दाए से पहला अंक 20 से गुणा किया जाता है|
दाएं से दूसरा अंक 21 se गुणा किया जाता है|
दाईं ओर से तीसरा अंक 22 से गुणा किया जाता है |
इसी तरह, दाईं ओर से nth अंक के लिए 2n-1 से गुणा किया जाता है|
चलिए एक इस उदहारण से समझते हैं 
      जैसे:-
‘0’  '0' को + के रूप में दर्शाया जाता है जहाँ 0 = 0 * 20 = 0
‘1’ को # के रूप में दर्शाया जाता है जहाँ 1 = 1 * 21 = 1
‘10’ को #+ के रूप में दर्शाया जाता है जहाँ 1 0 = 1 *21 + 0*20 = 2
‘11’ को ## के रोप ,में दर्शया जाता है जहाँ  11 = 1*21 + 1*20=3
‘100’ को #++ के रूप में दर्शाया जाता है जहाँ 100 = 1*22 + 0*21 + 0*20 = 4
‘101’ को #+# के रूप में दर्शाया जाता है  जहाँ 101 = 1*22 + 0*20 + 1*21 = 5
‘110’ को ##+ के रूप ,में दर्शाया जाता है जहाँ 110 = 1*22 + 1*21 + 0*20 = 6
‘111’ को ### के रूप में दर्शाया जाता है जहां  111= 1*22 + 1*21 + 1*20 = 7
‘1000’ को #+++ के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1000 = 1*23 + 0*22 + 0*21 + 0*20 = 8
‘1001’ को #++# के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1001 = 1*23 + 0*22 + 0*21 + 1*20 = 9
‘1010’ को #+#+ के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1010 = 1*23 + 0*22 + 1*21 + 0*20 = 10
‘1011’ को #+## के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1011= 1*23 +0*22+1*21 + 1*20  = 11
‘1100’ को ##++ के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1100= 1*23 + 1*22 + 0*21 + 0*2= 12
‘1101’ को ##+# के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1101= 1*23 +1*22+0*21 + 1*2= 13
‘1110’ को ###+ के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1110= 1*23 + 1*22 + 1*21 + 0*2= 14
‘1111’ को #### के रूप में दर्शाया जाता है जहां  1111= 1*23 + 1*2 2+ 1*21 + 1*20 = 15

उदहारण :-

1.   डेसीमल में +##+# इसको किसके द्वारा दर्शाया जायेगा?

+##+# = 01101 = 0*24 + 1*23 + 1*22 + 0*21 + 1*20 = 13

 

2.   डेसीमल में #+++# इसको किसके द्वारा दर्शाया जाएगा?

#+++# = 10001 = 1*24 + 0*23 + 0*22 + 0*21 + 1*20  = 16 + 1 = 17

3.   डेसीमल में (#+#)*(##+) इसको किसके द्वारा दर्शाया जाएगा?

#+#  = 101 = 1*22 + 0*21 + 1*20 = 5

##+ = 110 = 1*22+1*21+0*20 = 6

(#+#)*(##+) = 5*6 = 30

 

4.   डेसीमल में ((##+#++) + (##+) – (####)) इसको किसके द्वारा दर्शाया जाएगा?

##+#++ = 110100 = (1*25+1*24+0*23+1*22+0*21+0*20) 32 + 16 + 4 = 52

##+ = 110 = 1*22 + 1*21 + 0*20 = 6

#### = 1*23 + 1*22 + 1*21 + 1*20 = 15

((##+#++) + (##+) – (###)) = (526 + 6 -15) = 43

 

5.   यदि एक निश्चित को में, 0 के लिए प्रतीक * है और 1 के लिए # है| तब डेसीमल में (#*** + #* / *#*) इसको किसके द्वारा दर्शाया जाएगा

#*** = 1000 = 1*23+0*22+0*21+0*20 = 8

#* = 10 = 1*2+0*2 = 2

*#* = 010 = 0*22 + 1*21 + 0*20 = 2

             (#*** + #* / *#* ) = (8 + 2 / 2) = 8+1 = 9



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